बिहार में फिर से शुरू हो सकती है शराब: नीतीश
SURVEY ON BIHAR liquor Ptobihition: क्या बिहार में फिर से शराब चालू हो सकती है जैसे कि नीतीश कुमार अपने अलबेले और रात दिन बदलते फसलों के चलते जाने जाते हैं, हो सकता है l बिहार में फिर से शराबबंदी को लागू कर दिया जाए क्योंकि ऐसा लग रहा की बिहार में पूर्ण रूप से शराब बंद नहीं हुआ है, तो ऐसे में नीतीश कुमार अपने बदलते फैसला और रोज-रोज के राजनीतिक बदलाव के कारण ही उन पर तरह-तरह का दबाव बनते जा रहा हैं l
अब हो सकता है सरकार को बचाने को लेकर नीतीश कुमार यह कदम उठाने वाले हैं कि बिहार में फिर से शराब को लागू किया जाए, ताकि अगली सरकार फिर नीतीश कुमार का बन सके l चलिए अब जानते हैं कि नीतीश कुमार का कहना क्या है, दरअसल जैसे बीते ही कुछ दिनों में बिहार में जाति जनगणना कराया गया है l
उसका परिणाम देखे हुए अब बिहार में फिर से शराबबंदी पर सर्वे करने का समिति गठन किया गया है l मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब और लगे प्रतिबंध का असर जानने के लिए इस सर्वे को करने का फैसला लिया है l बता दे कि बिहार में करीब 7 साल पहले 2016 से शराब के उत्पादन वितरण एवं उसके सेवन पर भी पूरी तरह से रोक लगी हुई है l
बावजूद इसके राज्य में जारी शराब पीने से , सैकड़ो लोगों की मौत दिन पर दिन होते जा रही है l मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि शराब पर प्रतिबंध लगाने से समाज पर पड़े उसके प्रभाव को और उसके हुए बदलाव को सामने लाया जाए , ताकि इसका क्या फायदा और क्या असर हुआ है लोगों को बताया जा सके l
नीतीश कुमार ने बताया शराब से क्यों नफरत है ?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित एक सरकारी समारोह में सर्वे के राय जानने के बारे में संकेत दिया l बिहार में लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे नीतीश कुमार (70) ने अपने अनुभव शुरुआती अनुभव को याद किया जिसके कारण उन्हें शराब से नफरत हो गई थी l उन्होंने कहा कि जिस स्थान से मैंने अपना बचपन बिताया बचपन खेला वह कोई बुराइयों से मुक्त था l
जब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई डिग्री हासिल करने के लिए पटना आया और किराए के जिस मकान में रहता था वहां पड़ोस में कुछ लोग शराब पीते थे ,और उपद्रव मचाते थे l और रास्ते पर चलने वाले लोगों को गाली गलौज और अपने आसपास के पड़ोस के लोगों से हमेशा झगड़ते रहते थे l
राजनीतिक गुरु कर्पूरी ठाकुर को भी याद किया ll
रितेश कुमार ने अपने राजनीतिक गुरु कर्पूरी ठाकुर के शासनकाल में राज्य में शराबबंदी की अल्पकालिक कोशिश का भी जिक्र करते हुए कहा, लेकिन सरकार 2 साल अधिक नहीं चली और इसके बाद के शासन द्वारा शराब पर प्रतिबंध हटा दिया गया l बड़े लोगों के कड़े विरोध के बावजूद हमने अप्रैल 2016 में यह कदम उठाया था l 2018 में किए गए एक सर्वेक्षण में इसका सकारात्मक परिणाम दिखा कर पूरी ठाकुर 1970 के दशक में जनता पार्टी के नेता के रूप में मुख्यमंत्री बने थे l
बिहार में शराब पीना छोड़ा :1 करोड़ 60 लाख लोगों
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा: 2018 में सर्वेक्षण कराया गया तो पता चला कि एक करोड़ 64 लाख लोगों में शराब पीना छोड़ दिया है l यह आंकड़ा 2030 के सर्वे से पता चला है कि अभी तक एक करोड़ 82 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है l सर्वे से यह भी पता चला है कि 99% महिलाएं जबकि 92% पुरुष शराब बंदी के पक्ष में हैं l शराब बंदी को लेकर प्रतिदिन हमारे पास रिपोर्ट आती है l शराब बंदी कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए एक अलग से कानून बनाया जाएगा l
शराबबंदी का असर जानने के लिए औरतों से पूछे:
शराबबंदी और शराब पीने के आरोप में बहुत सारे लोग पकड़े गए हैं l उन्होंने अधिकारियों से कहा की आप लोग ठीक ढंग से एक बार फिर से शराब बंदी पर सर्वे कराए l हम तो कहेंगे एक-एक घर में जाकर पता कीजिए कि शराब बंदी का काम प्रभाव पड़ा है l विशेष कर औरतों से पूछिए क्योंकि घर की औरतें ही बता पाएंगे कि शराबबंदी की का कितना असर पड़ा है l
शराब पीने की वजह से सड़क दुर्घटनाएं
मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी शराब पीने से होने वाले दुष्परिणामों को लेकर एक सर्वे किया था और उसका रिपोर्ट जारी किया था विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना था कि शराब पीने से कोई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती है और लगभग 27 प्रतिशत तक सड़क दुर्घटना शराब पीने के कारण ही होता है l