सबरी माला मंदिर चर्चा में
सबरीमाला मंदिर चर्चा में क्यों ? सबरीमाला मंदिर का नाम शबरी के नाम पर पड़ा है l वही शबरी जिसने रामायण में भगवान राम को झूठे बेर खिलाए थे l और राम ने उसे नवधा भक्ति का उपदेश दिया था l बताया जाता है कि जब जब यह रोशनी दिखती है उसके साथ शोर भी सुनाई देता है भक्त मानते हैं कि देव ज्योति है l और भगवान इसे जलाते हैं और भगवान राम का आगमन होने वाला है l
सबरीमाला मंदिर का पौराणिक इतिहास
सबरीमाला मंदिर का पौराणिक इतिहास क्या है कि अय्यप्पा स्वामी के दर्शन के लिए पर करनी पड़ती है 18 पावन सीढ़ियां l भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक विश्व प्रसिद्ध सबरी माला का मंदिर है यहां हर दिन लाखों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं l
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सबरी माला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध हटा दिया है l करीब 800 साल पुरानी इस मंदिर से यह मान्यता पिछले काफी समय से चल रही थी l कि महिलाओं को मंदिर में प्रवेश न करने दिया जाए इसके कुछ कारण भी बताए गए थे l आओ जानते हैं इस मंदिर के इतिहास और स्थिति के बारे में l
कौन थे अयप्पा?
1: भगवान अय्यप्पा के पिता शिवा और माता मोहिनी है l विष्णु का मोहिनी रूप देखकर भगवान शिव का वीर्यपात हो गया था l और उनके वीर्य को पारद कहा गया और उनके वीर्य से ही बाद में सस्ता नामक पुत्र का जन्म हुआ l जिसे दक्षिण भारत में अय्यप्पा कहा गया शिव और विष्णु से उत्पन्न होने के कारण उनका हरिहर पुत्र कहा जाता है l इसके अलावा भगवान अय्यप्पा को अयप्पन ,सस्ता , मणिकांता , इत्यादि नाम से भी जाना जाता है l
इनके दक्षिण भारत में कई मंदिर हैं इनमें से एक प्रमुख मंदिर है , सबरी माला का इसे दक्षिण भारत का तीर्थ स्थल भी कहा जाता है l धार्मिक कथाओं के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान भोलेनाथ भगवान विष्णु के मोहिनी रूप पर मोहित हो गए थे l और इसी प्रभाव से एक बच्चे का जन्म हुआ जिसे पम्मा नदी के तट पर छोड़ दिया गया l इस दौरान राजा राजशेखर ने उन्हें 12 सालों तक पाला बाद में अपनी माता के लिए शेरनी का दूध लाने जंगल चले गए , अय्यप्पा ने रक्षा से महर्षि का भी वध किया l
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2: अय्यप्पा के बारे में एक और की उन्नति है कि उनके माता-पिता ने उनकी गर्दन के चारों ओर 1 घंटे बांधकर उन्हें छोड़ दिया था l पंडलम के राजा राजशेखर ने अय्यप्पा को पुत्र के रूप में पाला, लेकिन भगवान अय्यप्पा को यह सब अच्छा नहीं लगा l और उन्हें वैराग्य प्राप्त हुआ तो वह महल छोड़कर चले गए कुछ पुराने में अयप्पा स्वामी को सस्ता का अवतार माना जाता है l
अय्यप्पा स्वामी का चमत्कारी मंदिर सबरीमाला है l
दक्षिण भारत में स्थित सबरी माला का यह मंदिर दक्षिण भारत के केरल राज्य में पड़ता है l जिसे अय्यप्पा स्वामी का प्रसिद्ध मंदिर भी कहा जाता है l जहां विश्व भर से लोग शिव के इस पुत्र के मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं l इस मंदिर के पास मकर संक्रांति की रात घने अंधेरे में रह कर यहां एक प्रकाश दिखाई देती है l
सबरीमाला केस प्रकाश के दर्शन के लिए 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन विश्व भर से लोग देखने के लिए आते हैं l इस मंदिर के प्रबंधन पुजारी के मुताबिक नौकर मां के पहले दिन अवकाश में दिखने वाला एक खास तारा मकर ज्योति है कहते हैं l कि अय्यप्पा ने सर्वे और वैष्णव के बीच एकता काम की थी उन्होंने अपने लक्ष्य को पूरा किया था और सबरी माला में उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी l
सबरीमाला मंदिर चर्चा में क्यों ?
सबरी माला मंदिर 2023 में चर्चा में फिर से इसलिए आ गई है l कि 4 साल पहले जब दो महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की पूजा करने के लिए तब वहां के पुजारी द्वारा उन महिलाओं को मंदिर से बाहर जाने के लिए कहा गया l
उन दो महिलाओं में बिंदु अमीनी और कनक दुर्गा ने सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल तक उम्र की महिलाओं का प्रवेश न करने की सदियों से चली आ रही परंपरा को गलत बात कर वहां पूजा की l इस परंपरा की वजह यह है कि स्वामी अय्यप्पा को क्या ब्रह्मचारी माना जाता है इसलिए राजस्व वाला महिला मंदिर में उनके दर्शन नहीं कर सकती हैं उक्त बिंदु की उम्र 40 वर्ष थी तो कनक दुर्गा उनसे 1 साल छोटी थी यानी 39 साल की l
उसे दिन उन दोनों ने सीधी चढ़ाई की और पहाड़ी से सबरी माला मंदिर जाने वाले पूरे रास्ते पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता जाम थे l वह सदैव पुरानी परंपरा को तोड़ने से रोकने के लिए खड़े थे l यहां तक की वहां जमा कार्यकर्ताओं ने 50 साल से ज्यादा उम्र की कोई महिलाओं को भी घेर कर रोक लिया था और उनसे बड़ी रुके से बावल सवाल जवाब किए थे l
इसके बाद पुलिस ने इस सभी मामले में दाखिला लिया l और महिलाओं को जाने का आदेश दिया जहां मंदिर स्थित है फिर वहां दोनों महिलाएं खामोशी से उसे झुंड के बीच से निकल गई l बिंदु और कनक दुर्गा ने यह पर रखने का एहसास किया कि क्या देश की सबसे बड़ी अदालत का आदेश आस्था के मामले में लागू किया जा सकता है या नहीं जब बीबीसी ने उनसे पूछा कि इस घटना के 4 साल के बाद कितना बदलाव आया है तो बिंदु ने बहुत निराशा जनक जवाब दिया l
बिंदु ने बताया कि 4 साल बाद भी कुछ भी नहीं बदला सब ऐसा लगता है कि लोग और रूढ़िवादी हो गए हैं यहां तक कि वामपंथियों की अगुवाई वाली बम लोकतांत्रिक मोर्चा भी सरकार ने भी कठिन पंक्तियों से समझौता कर लिया है l सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नहीं माना बिंदु का इशारा बम मोचन की सरकार के उसे आदेश की तरफ था l जिसके तहत सबरीमाला मंदिर के पास ड्यूटी पड़ता है नाथ पुलिस वालों को दी गई हैंडबुक वापस ले ली गई थी l
बता दे की सबरीमाला का यह केस सुप्रीम कोर्ट में 28 अक्टूबर 2018 को ही सौप गया था l लेकिन उनके सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कुछ भी नहीं बदला 4 साल के बाद भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं माना गया यह बताते हुए बिंदु रहती है k कि अभी भी सभी लोग वैसे हैं और सरकार भी वैसे ही है l